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    Ramesh Jha

    3 years, 2 months ago

    आज समाज के सामजिकता में कमी का कुछ हमारे ब्यबस्था जिसकी दायित्व सरकार की होनी चाहिए थी जिसमे सरकारे बिफल रही का प्रभाव दिखाने लगे हैं ।
    इसे एक मानव होने के नाते मनन किया जाय । इसकी भावना में कही से भी दलगत या जातिगत का कोई स्थान नही हैं । इसे थोड़ा अलग होके देखें।
    हमारे कई साथियों ने आरक्षण लागू करने और ना करने के युद्ध मे अपने प्राणों की आहुति दी और सरकार इसे उचित समझते हुबे आरक्षण रीति नीति के साथ लागू किया ।अच्छा या बुरा जो भी हुवा वहा तो बहसों की गंगा कई बार बह चुकी हैं। मगर आज तक ये बात किसी ने क्यों नही पूछी क्या इनको सिर्फ आरक्षण के तगमा लगा देने से इनका बिकाश हो जायेगा। इसके लिये सरकार की कार्य अवधि क्या तय की गई।इनको कितने समय मे पूर्ण विकसित करदेंगे इसके लिये हमारा ये कार्यक्रम जिसको में इतने वर्षो में पूर्ण विकसित कर मेन स्ट्रीम में खड़ा करदूंगा । ताकि हमारे भारत मे समानता को स्थापित करने की बात सर्बमान्य बाबा डॉ अम्बेडकर ने भी कहे हैं यह भी पूरा हो जाता।
    मगर सरकार अपने आपको बंधनमुक्त रखा कोई भी समय अबधि तय नही की इनको पूर्ण विकसित करने के इनके लिये कार्य करना पड़ता । इसके आड़ में मानवीय मूलभूत आबश्यक्ता शिक्षा , स्वास्थ्य जैसे जगहों से सिर्फ ढांचागत बिकाश ,आर्थिक सहयोग ,भोजन में ध्यान रखो पढ़ने के लिये अपने गड़े कमाई से बचाये गये पैसो का बल पर निजी विद्यालयों में पढ़ाओ पढ़ाई तो वही मिल सकती हैं । हम ब्यबस्था के चकाचोंध में तुमहे रख सकते हैं । तुम्हे उस लायक बनने की जरूरत नहीं जो तुम हमे बांध सको इसीलिये सरकार तो बदलती रही मगर शिक्षा और स्वथ्य के स्तर में बदलाव नही हुवा । भवन बने शिक्षक भी आये मगर नही आई तो शिक्षा।जहा सबसे अधिक आबादी आरक्षित होते हैं उस जगह शिक्षा ब्यबस्था इस तरह मूल बिहीन हैं । आरक्षण की नीति देश ,समाज या ब्यक्ति सभी के लिये समान हैं यदि इस आरक्षण की समय सिमा तय नही तो फिर कश्मीर में लागू किस तरह । आपने जिनको आरक्षित किया हैं उन्हें पुर्नबिकसित के बाद उन्हें सामान्य के दर्जे में खरे करेंगे तभी तो आरक्षण का अपना उद्देश्य प्राप्त होगा। अभी तक का जो भी कुछ दृश्य बनती हैं वो इस तरह हमने तुम्हे तगमा दे दिया चाहे आप कितने भी विकसित हो जाओ आप समान्य के बराबरी में नही आओगे तो आरक्षित होने का लाभ क्या हुआ । आरक्षित जन्म लो , आरक्षण में पढ़ो , आरक्षण पालो , और आरक्षण में मर जाओ ।भाई जब मेरा बिकाश का आपके पास कोई प्लानिंग ही नही तो फिर मुझे आरक्षित क्यो किये आपने ।
    यह तो यही बात हो गयी में आपको आरक्षण का तगमा को बंश दर बंश कायम रखूंगा आप मुझे अपना मत देकर विजयी बनाते रहो । समाज मे अच्छे बुरे कार्यो के प्रभाव सब पर पड़ता हैं वो आरक्षित या जो अन आरक्षित हो ।समाज किसी एक वर्ग का तो है नही । मै आरक्षण विरोधी नही मगर गुमराह करने बाले नीति से मेरा प्रशन और मनवो से मनन करने की अपील ।
    शांति शक्ति और आनन्द सभी के लिये ।

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