• Profile picture of Ramesh Jha

    Ramesh Jha

    3 years, 1 month ago

    बरी बिचित्र हैं मानवीय मोह यह आँख को नही आत्मा को अन्धी बनाती हैं क्योंकि सीभी लोग जानते है मोह में दोनों गये माया मिला ना राम । जब कुछ मिलता ही नही तो फिर हम इसे पालते ही क्यो हैं अपने अंदर ।जबकि हम अपने कार्य ही तो करने के अधिकारी हैं तब तो हमे कर्मनिष्ठ बनना चाहिये । और हमारे मार्गदर्शित ग्रन्थ रामायण और महाभारत में ही नही तमाम पंथ में अंकित मिलेगा मोह और उसके परिणाम।ग्रन्थ मानवीय जीवन का ही दर्शन हैं ।
    आज हम लोग मानवीय जीवन कर्म में इसकी महत्व को देखेंगे । हस्तिनापुर एक शक्तिशाली राजवंश था जिसकी स्थापना का तो मुझे पूर्ण ज्ञात नही मगर ये ज्ञात हैं कि दुष्यन्तु और सकुन्तला का पुत्र राजा भरत ने इसे मोह फ्री राज (निर्मोही राज्य)बनाया जो बास्तविक राजतंत्र में प्रजातन्त्र की ब्यबस्था लाना चाहते थे ।इसीलिये उनके पुत्र होते हुबे भी उन्हों ने उन्हें राज्य सिंघासन पर नही बैठाया और एक ज्ञानी शक्ति शाली ब्राम्हण के आश्रम से योग्य ब्यक्ति को चयनित किया उनका मानना था कि यह भी मोह से परे होकर इस राज्य का संचालन करेगा और उचित अवसर आने पर योग्य राजा को ही हस्तांतरित करेगा । मगर सन्तनु कही न कही से इतना कमजोर हो गये की भूल गये हम एक प्रतिनिधि हैं निधिपति नही जिसके कारन शक्ति शाली देवब्रत जैसा पुत्र पा कर भी असन्तुष्ट रहने लगे त्रिया मोह में फस गये और मस्तगंधा का मोह उनको इतना अंधा कर दिया कि वो बस्तिकता से कोसो दूर भावना के अंधे सागर में उतर गये ।हस्तिनापुर के बिनास की नींव उसी बक्त डाला गया माँ के गर्भ में आने के पहले ही राजकुमार के लिये राजगादी सुरक्षित हो गयी ।+++++

Media

©2024 World Humanist Forum - connect and collaborate for the betterment of the human being

Log in with your credentials

or    

Forgot your details?

Create Account